बहुत दिनों के बाद, हुई जंगल में बरसात,
उसी समय आयी, उल्लू मामा की बारात !
उल्लू मामा की बारात, सारे के सारे आये हैं,
हाथी, घोड़े, बंदर और शेरजी बाजा बजाये हैं !
कहे "साँझ" अब जंगल में क्या मंगल होगा,
उल्लू की शादी मैना से, झिंगल मिंगल होगा !
सुनील मिश्रा "साँझ"
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