बारिश आयी, गर्मी भागी !
छत पे सोयी दीदी जागी !!
मेढ़क टर् टर चिल्लाते !
घर के पास कहाँ से आते !!
बादल गरज गरज कर बरसे !
बिजली चमकी छुपा वो डरसे !!
चारो तरफ हुई हरियाली !
जानवरों में आई खुशहाली !!
इंद्रधनुष देख सब हरषाये !
सब बच्चों के मन को भाये !!
छाता लाना गया मैं भूल !
"साँझ" भीगा पहुँचा स्कूल !!
सुनील मिश्रा "साँझ"
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