किसी का बुरा, कोई ग़लत काम न कर !
ख़ुदा देख रहा है, कोई काम हराम न कर !!
मंज़िलें दूर हैं तेरी, तू पहुचेगा उन तक !
थोड़ी थोड़ी दूर पर रूक कर आराम न कर !!
तू तो लगता है शहर में नया आया है !
बिजली, पानी के नाम पर कोहराम न कर !!
आमदनी, व्यय का हिसाब तो ज़रूरी है !
वाह वाही में बड़े तामझाम न कर !!
नफरतें फैलीं हैं अहले जहाँ जल रहा !
"साँझ" सरे महफिल मुझसे राम राम न कर !!
सुनील मिश्रा "साँझ"
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