Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कुंडली

 

 

  • टी.व्ही में बस देखिये, सास बहू बिग बाॅस
    इन सबसे तो अच्छी है, बीबी की बकवास

     

    बीबी की बकवास, रोज रोज नयी वाली
    ऊपर से आ धमकी है मेरी चचेरी साली

     

    कहे 'साँझ' अब घर आकर हो जाता हूँ ढ़ेर
    समय समय की बात है, बूढ़ा हो गया शेर

     

  • पिया तुम्हरी याद में, रोवत हूँ दिन रैन
    बिन चिट्ठी, बिन हालचाल हरपल हूँ बेचैन

     

    हरपल हूँ बेचैन, जबसे अबकी गये विदेशवा
    रोज अटारी बोलके, कागा धड़कावे करेजवा

     

    कहे 'साँझ' अबकी जुदाई जान पे आई
    मोरे हर आँसू की कइसन करोगे भरपाई

 

 

सुनील मिश्रा "साँझ"

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