मेरी प्यास देखकर जाम भर
साकी पियूँगा पूरी शाम भर
मय से मतलब है तुझसे नहीं
बात करना तो सिर्फ काम भर
होश खोना है बेहोश होना है
मय में आब हो तो नाम भर
मुहब्बत की बात आज नहीं
दर्द में डूबा कोई कलाम भर
"साँझ" की तड़प को सुकून दे
रूह में थोड़ा सा आराम भर
सुनील मिश्रा "साँझ"
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