जब जब मेरे बाॅस की, मेरे ऊपर सटकी है,
मेरी नौकरी आकर, मेरे अधर में अटकी है,मेरे अधर में अटकी है, क्यूँ कर ऑफिस जायें,
सिकलिव लेकर घर में, आलू पराठे खायें,कहे "साँझ" ये नौकरी इतना ऊँचा टार्गेट,
उस पर से काॅम्पेटीशन से पूरा भरा मार्केट !!चोरी मन भर कीजिये, मत होना बदनाम,
बड़े बाबू सिखा रहे, नये क्लर्क को काम !नये क्लर्क को काम, मेरा भी हिस्सा देना,
मँहगाई को देखकर, ग्राहक से पैसा लेना !ध्यान रहे दो सालों में मैं रिटायर हो जाऊँगा !
जाते जाते तुम्हारा रिक्मेंडेशन कर जाऊँगा !!श्रीमती का आग्रह, खरीदा वाशिंग मशीन,
फिर बिल बिजली की, आ गयी गुना तीन !आ गयी गुना तीन, मेरा पूरा वाट लग गया,
अमाउंट देखते ही, मुझको शाॅक लग गया !कहे "साँझ" वाइफॅ का चक्कर दइया दइया,
याद दिला दी मेरी सब कुछ नानी मैया !आपकी मूँछें, मेरी मूँछें, मूछों की महिमा निराली है !
एक ही बात अलग इसमें, बस मेरी वाली काली है !!
मियाँ आप भी क्या क्या कमाल करते हो !
हज्जाम खानदानी, ज़ुल्फों पर सवाल करते हो !अपनी ताकत आजमानी है तो "साँझ" से भिड़ो !
अब ये क्या कि मुर्गों को हलाल करते हो !!
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