थिरकते ख्वाब
अपने आफताब
अपना परिवेश
खुशियो का सन्देश
सुख का सूत्र
घर आगन
जवाब तलाशते
तन मन और जीवन
संबंधो की अनूठी परिभाषा
हर रिश्ता लाता एक आशा
अनजान तार बुने मन
अजनबी में अपनापन
इरादो का सूरज
दूर करेगा अकेलापन
प्रेरणा ही इन्हे सिखायेगी
कभी नहीं हारेगी जिन्दगी
एक छोटी सी मदद
बडा देती है कद
हर सांस में एक नाम
नये जमाने का ताम झाम
जिन्दगी मरुभूमि की तपती रेत
लरजते होठ सीचते खेत
दुख को सुख का देते सपना
यही मेरे हिस्से का अपना
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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