Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आईना

 

मनुष्य का आईना होता है उसका चेहरा

रूह झलकाता है उसका चेहरा

गम में मुस्करा देना, हार में पछताना

सोच समझ कर्म की परत है उसका चेहरा

षर्माना,छुपाना,षैतानी,नादानी,षराफत की

सबसे पहचान करवाता है उसका चेहरा

सारे संसार का खजाना बटोरे अपने भीतर

जादुई आकर्षण होता है उसका चेहरा

आँख,होठ,गाल,कान,नाक,जुल्फों के इषारे

हर बात समझता,मनमोहता है उसका चेहरा

मालिक से दो हाथ जोड़ मांगती है दुआ ’सुषमा’

सच्चाई सादगी दया से भरा हो सब मनुष्यों का चेहरा

 






सुषमा देवी

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