Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बसुंधरा

 

धरती माँ हम सब की माता

आओ हम सब मिलजुल कर

इस माँ को खूबसूरत बनाएं ।

जन्म भूमि है पावन भूमि

इसको क्यूं न स्वर्ग बनाएं ।।

धरती माँ सब कुछ सह जाती

सर्दी गर्मी बर्षा को

हम सब के अत्याचारों को ।

मानव ही तो है रौंद्ध रहा

इस धरा के खूबसूरत नजारों को ।।

बंसुधरा ने सब कुछ दिया है हमको

फल, फूल ,ईधन और अनाज

धरती माँ के पेड़ - पौधों से ही है

हम सब जन के अन्दर प्राण ।

जल अमृत तुल्य हर जीव के लिए

जो समाया बंसुधरा के अन्दर है।

प्रकृति ने जो दिया बंसुधरा को

आओ हम सब उन उपहारों का सम्मान करें ।

धरती माँ के इस त्याग के लिए

कुछ तो अपना फर्ज अदा करें ।।

 

 

 

सुषमा देवी

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