मेरे प्यारे भारतवासी
मनाते मिलके अनेक तीज त्यौहार
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई इक दूजे से करते प्यार
ईद दीवाली होली बैसाखी सभी मनाते मिलके
कर्म मंे है विष्वास करते मानवता का इन्हें ध्यान
मुसीबत पडनें पर करें मदद गहरा है इनका प्यार
तरह तरह की फसल यहां पर फलांे की भी है खूब भरमार
अनगिनत प्रकार के फूल यहाँ पर महकाएं इक दूजे में प्यार
भिन्न भिन्न इनके हैं पहरावे हर जन के जो मन को भाएं
भान्ति भान्ति की सभ्यता संस्कृति
प्रदेष क्षेत्र भिन्न भिन्न समाज परिवार
देष भक्ति भरी कूट कूट कर एकता का दे प्रमाण
सुषमा देवी
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