न करें कभी भी लड़ाई- झगड़ा ,
सब मिलजुल प्यार से रहें हम ।
एक तत्व- प्रकति के बनें,
एक मालिक की सन्ताने हम।।
बीते क्यों उम्रीया हमारी मेरा- मेरी में,
कर दें कुछ मदद दूसरों की भी हम ।
अच्छे कर्मो का जोड़ घनात्मक होता है,
एक से बढ़कर एक करें खरे कर्म हम।।
संकल्प लें मिलकर हमजोली हम,
न करें दुःखी किसी को भी हम।
भला हो सारी मानवता का,
ज़़तन ऐसे करने की कोषिष करें हम।।
सुषमा देवी
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