सुन्दर- सुन्दर प्यारे होते हैं फूल
हर मौसम में खिलते रहना इनको है कबूल
हर एक के दुःख को हरना इनका है असूल
सुन्दर- सुन्दर प्यारे होते हैं फूल
हर एक की षादी में सजते
दुल्हा-दुल्हन का करते श्रृगांर
हर एक महफिल को सजाना
इनका है असूल सुन्दर- सुन्दर प्यारे होते हैं फूल
सूर्य निकलने के साथ ही खिलते करते स्वागत हैं दिन का
बर्षा होती तब भी खिलते करते स्वागत सावन का
हर मौसम में खिलते रहना इनका है असूल
सुन्दर- सुन्दर प्यारे होते हैं फूल
अभिलाषा इनकी है निराली
उस पथ पर हमें देना फैंक
मातृभूमि को ष्षीष चढ़ाने
जिस पथ पर जाएं वीर अनेक
हर एक षहीद की चिता पर भी सजते हैं
सुन्दर- सुन्दर प्यारे होते हैं फूल
देवों की पूजा में लगते
गुरूग्रंथ पे सजते
बाबा पीर की मजार पे सजना इनको है कबूल
सुन्दर- सुन्दर प्यारे होते हैं फूल
सुषमा देवी
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