दुखी क्यों है तू मन मेरे
सबको सब कुछ नहीं मिलता
हमारे चाहने से जग में
कभी भी चमन नहीं खिलता
प्रभु देता हमें वही सब
जो हमारे लिए अच्छा हो
हमें अच्छा लगे जो सब कुछ
प्रभु नहीं हमें वह सब देता
मानव की आषाओं का
कभी भी अन्त नहीं होता
दुखों का कारण यही है
चाहत न हो तो मन
कभी दुखी नहीं होता
धर्म पर चल मेहनत से कर्म कर
फिर देख फल क्यों नहीं मिलता
मत कोस तू उस प्रभु को
जिसने तुझे यह जीवन दिया
मानव जन्म भी कभी किसी को
सरलता से नहीं मिलता
सुषमा देवी
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