(शहीदों के लिए)
सारी धरती थी यह उनकी,उनके लिए आसमान ही साया था
मार भगाया उन दुष्मनों को,जिन्होंने भारत गुलाम बनाया था
आज़ादी की दुल्हन के खातिर,जिन्होने अपना अस्तित्व मिटाया था
हुए सपने उन सब के पूरे ,जब लाल किले पर तिरंगा लहराया था
हर तरफ से खुषहाल था भारत,विदेषों में भी उसका गौरव छाया था
बड़े अरमान थे उनके दिल में,जिन्होने देष आजाद करवाया था
राम राज्य का सपना साकार ,होने को आया था
लग गई नज़र भारत को किसकी,अपनों ने कहर अब ढाया है
कुर्सी, नेतागिरी की छबी ने,अपने भारत को कमज़ोर बनाया है
जातिवाद, भ्रष्टाचार, भाई- भतीजावाद,ने कोहराम बचाया है
ऐसी धांधली हो रही आज,मानव क्या लाषों को उलटा लटकाया है
बडे़ अरमान थे उनके दिल में,जिन्होने देष आज़ाद करवाया था
सीमा पर पहरा दे रहे सैनिक,अपनी जान पर खेल रहे
देष के अन्दर बैठे हैवान,औरत की आबरु से खेल रहे
नहीं सुरक्षित माँ, बहन, बेटी ,लोकतन्न्न में कैसा यह आतंक मचाया है
सत्तर साल होने को आए,क्या ये तांडव कभी खत्म हो पाएगा
राम राज्य का सपना साकार करके ,भारतवासी उन षहीदों को सच्ची
श्रद्धांजली दे पाएगा ।
सुषमा देवी
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY