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Dr. Srimati Tara Singh
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सावन

 

सावन आया छम- छम- छम

आओ झूम के गाएं हम

टिप- टिप- टिप- टिप

बरसे बूदें

बिजली चमके

चम- चम- चम

घुमड़ -घुमड़ कर

बरसे बादल

कुह- कुह करके

गाए कोयल

चहचहाएं पंछी ऐसे

जैसे पायल बाजे छन - छन - छन

महादेव का माह है सावन

जल चढ़ाए हर इक जन

हो जाओ भक्ति में मग्न

सावन का आया त्यौहार

फल- फूलों की आई बहार

ऋतुराज आए घर द्वार

हरितालिका तीज का आया त्यौहार

हर तरफ हरियाली छाई

धरती माँ बन दुल्लहन आई

झूम पिया संग झूलेगें झूले

प्यार से झूमेगा यह मन

सावन आया छम- छम- छम

 

 

 

सुषमा देवी

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