शब्द तोल कर बोलिए, शब्द का बाण महान
एक बार जो भेद देे ,कभी न जाए निशान
शब्द से ही बँट रहा ,समस्त विश्व में ज्ञान
भाव को हम प्रकट करें, ले शब्द से पहचान
शब्द रिश्तों को तोड़ दें, शब्द जीत ले मन
ऐसे शब्द न बोलिए, आहत हो जाए किसी का मन
हमारी वज़ह से न भीग जाए, किसी का भी दामन
शब्दों के ताल- मेल से, जीत लें दुश्मन का भी मन
आओ मिलजुल कर हमसब, ऐसा करें यत्न
शब्द रूपी औषधि से, महकाएं सारा जहान
कटु शब्द से उगते हैं, वैर के खेत- खल्लियांँन
मीठे शब्दों से बन जाते हैं, दूनियाँ केे बिगड़े काम
सुषमा देवी
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