• दरिया सा बहता रहता है
• वो अपनी धुन का पक्का है
•
• सूख चुका है, तुम समझे हो
• वो बादल भीतर बरसा है
•
• उसकी आँखों में छिपकर वो
• झपकी सपना नींद हुआ है
•
• दिल के अँधेरे का बाईस
• पिछली सर्दी का कोहरा है
•
• इक पत्थर परछाईं बन कर
• आईनों के घर आया है
•
• अहसासों का खींचों नक्शा
• फिर देखो किस सा लगता है
•
• थामों साँसों की उँगली को
• जिस्मों में लंबा रस्ता है
•
• फूलों से जो आँच बटोरे
• ‘आतिश’ इक ऐसा भंवरा है
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY