Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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वही नुस्खे नज़र के जानता है

 

• वही नुस्खे नज़र के जानता है
• कि जिसकी आँख पर चश्मा चढ़ा है
• वो अपने पास मिल जायेगा तुमको
• वो अपने आप का पहला पता है

• मेरे घर तो उसे आना नहीं था
• मेरे घर लो वही आया हुआ है

• जो बरसा ये तो पकड़ा जाएगा तू
• छिपा भी है तो बादल में छिपा है ?

• भला है सीपियाँ उसमें हैं वरना
• समंदर में कभी मोती हुआ है ?

• बड़ी मुद्दत से “आतिश” हाथ छुपकर
• तुम्हारी आँच पर ही सेंकता है

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