Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हाल क्या हे तुम्हे दिखाऊ तो केसे

 

हाल क्या हे तुम्हे दिखाऊ तो केसे
हे दर्द की दास्ताँ सुनाऊ तो केसे

 

मकसद नहीं रहा कामयाब होने का
खुद के हाथो बरबाद हो जाऊ तो केसे

 

जानता हु में लायक नहीं उसके
मासूम दिल को बहलाऊ तो केसे

 

अश्क हे अब रुकने का नाम नहीं लेते
ख्वाब इन पलकों पे सजाऊ तो केसे

 

सबब पूछने आये हे मौत का तालिब
वो खुद ही वजह हे बताऊ तो केसे

 


_______________तालिब तूफानी

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