उसकी याद में हमने रोना छोड़ दिया
बेवजह आँखों को भिगोना छोड़ दिया
बहुत सताते थे वो आके ख्वाबो में
ये लो आज से हमने सोना छोड़ दिया
आज तक पाया हे क्या हमने सिवाएं खोने के
तुम भी चले गये अब खोना छोड़ दिया
मुख़्तसर कुछ यादें बची थी जहा पर
मकान का हमने वो कोना छोड़ दिया
हर वक़्त अपनों ने धोका दिया हे तालिब
इसलिये अब किसी का होना छोड़ दिया
________________तालिब तूफानी
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