Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सुबह उठती सूरज से पहले

 

 

suraj

 

सुबह उठती सूरज से पहले

बिना थके करती हैं काम

बच्चे,पति,परिवार संभाले

संजोती सपनो का द्वार

ले चल उस देश जहाँ खुशियों की बहती हो नदियाँ

न गम हों न आंसू सपनों की हों फुलवरियाँ

तेरे प्यार भरे दिल के अन्दर मेरी हो अंगनईयाँ

साथ रहें और साथ जियें जीवन हो जाये सुरमईयाँ

 

 

 

Tarni Sonkar

 

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