सुबह उठती सूरज से पहले
बिना थके करती हैं काम
बच्चे,पति,परिवार संभाले
संजोती सपनो का द्वार
ले चल उस देश जहाँ खुशियों की बहती हो नदियाँ
न गम हों न आंसू सपनों की हों फुलवरियाँ
तेरे प्यार भरे दिल के अन्दर मेरी हो अंगनईयाँ
साथ रहें और साथ जियें जीवन हो जाये सुरमईयाँ
Tarni Sonkar
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