Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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छप्पन कविताएं

 

छप्पनकविताएं

कारोबारीनेदुकानसजाईहै

घटतौलीमेंकीखूबकमाईहै।

पैसेवालोंकीयहदुनिया

पैसेकीखनकपरहरअंगड़ाईहै।

ओढ़फकीरीचौला,देदेमेरेमौला

पैसेनेबड़े-बड़ोंसेभीखमंगवाईहै।

लेखकहुएजुगाड़ू,पत्रकाररगड़ालू

बेसब्रकविनेभीकरडालीचतुराईहै।

पैसेकीचमकगंदीनालीमेंखींचलायी

आनेवालीपुस्तकमेंनईयुक्तिआजमाईहै।

कीमतसत्तावनकविताओंकीप्रिंट

औरसाढ़ेछप्पनहीछपवाईहैं।

साहित्यसमाजकादर्पणहै

कविनेवहीरीतनिभाईहै?

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