Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आप भी ज़रा कहिए

 

क्या है अच्छा,और क्या बुरा कहिए।
जो न कहे, आप उसे डरा कहिए।।

 

ज़िन्दगी में, हो नहीं रफ़्तार गर।
जान हो पर, यार वह मरा कहिए।।

 

नाम लेकर जो मुहब्बत का छले।
तो नज़र से,फिर उसे गिरा कहिए।।

 

हँस रहा जो वेदना ढोता हुआ।
भूलकर उसको न मसखरा कहिए।।

 

फ़ासलों का अंत होगा किस तरह।
हम कहें कुछ, आप भी ज़रा कहिए।।

 

बात जो कोई करे सद्भाव की।
'सिद्ध' कहिए, या कि सिरफिरा कहिए।।

 

 

ठाकुर दास 'सिद्ध'

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