यार कोई यार का इकबाल ना पूछे।
फिर किसी दिन,पर अभी इस साल ना पूछे।।
आज उसने मुझसे मेरा हाल पूछा है।
अब ख़ुदारा कोई मेरा हाल ना पूछे।।
जब चलेगा, ये ज़माना जान ही लेगा।
उसकी पोशीदा है अगली चाल ना पूछे।।
जो जवाबों की करे उम्मीद है मुझसे।
ख़ुद ज़ुबाँ खोले नहीं, सवाल ना पूछे।।
कौन जाने जान का अब हाल क्या होगा।
आज उसके खंजरों को ढाल ना पूछे।।
आज बिजली की ये कैसी बेख़ुदी यारा।
है नशेमन 'सिद्ध' का किस डाल ना पूछे।।
ठाकुर दास 'सिद्ध'
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