26 जनवरी ·
नहीं कहीं तकरार चाहते, हम भारत के लोग।
समता का व्यवहार चाहते, हम भारत के लोग।
अच्छे दिन हों, अच्छी रातें, अच्छी सुबह-ओ-शाम,
अच्छा कारोबार चाहते, हम भारत के लोग।
कोई आ कर ज़हर न घोले, न हो आहत प्रीत,
एक रहे परिवार चाहते, हम भारत के लोग।
झंडा ऊँचा रहे हमारा, सारे जग में मान,
एक नहीं सौ बार चाहते, हम भारत के लोग।
सबको एक बराबर माने, सबसे हो सद्भाव,
ऐसी ही सरकार चाहते, हम भारत के लोग।
न हों जात-धरम के झगड़े, हो आपस में मेल,
'सिद्ध' परस्पर प्यार चाहते, हम भारत के लोग।
- ठाकुर दास 'सिद्ध'
समता का व्यवहार चाहते, हम भारत के लोग।
अच्छे दिन हों, अच्छी रातें, अच्छी सुबह-ओ-शाम,
अच्छा कारोबार चाहते, हम भारत के लोग।
कोई आ कर ज़हर न घोले, न हो आहत प्रीत,
एक रहे परिवार चाहते, हम भारत के लोग।
झंडा ऊँचा रहे हमारा, सारे जग में मान,
एक नहीं सौ बार चाहते, हम भारत के लोग।
सबको एक बराबर माने, सबसे हो सद्भाव,
ऐसी ही सरकार चाहते, हम भारत के लोग।
न हों जात-धरम के झगड़े, हो आपस में मेल,
'सिद्ध' परस्पर प्यार चाहते, हम भारत के लोग।
- ठाकुर दास 'सिद्ध'
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