Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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राग गाए जा रहे हैं आज बारूदी

 

राग गाए जा रहे हैं आज बारूदी।
गूँजती है हर तरफ़ आवाज़ बारूदी।।

 

वो हमें आकर सिखाते कत्ल की विधियाँ।
और कहते कीजिए कुछ काज बारूदी।।

 

कह रहे हैं आपकी ख़ातिर बने हैं ये।
दे रहे खैरात में वो साज बारूदी।।

 

जो नगीनों से जड़े वो ताज हैं उनके।
और अपने सर रखे हैं ताज बारूदी।।

 

मैं तो घर से आईना लेकर चला था बस।
'सिद्ध' उसने कह दिए अलफाज़ बारूदी।।

 

 

 

ठाकुर दास 'सिद्ध',

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