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तेरी ज़िन्दगी

 
Thakurdas Siddh



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Thakurdas Siddh

- : तेरी ज़िन्दगी : -
 (ग़ज़ल) ठाकुर दास 'सिद्ध', 

 वेदना का  गान  तेरी ज़िन्दगी।
 है फटा परिधान तेरी ज़िन्दगी। 

 जन्म लेते हो गया क्रंदन शुरू,
 वाह रे  इन्सान  तेरी ज़िन्दगी। 

 बेतहाशा भागती है रात-दिन,
 देखकर तूफ़ान तेरी ज़िन्दगी। 

 तू जहाँ है उस जगह मौज़ूद है,
 मौत का सामान, तेरी ज़िन्दगी। 

 बेज़ुबां , बेजान सा तू हो गया,
 खो चुकी पहचान तेरी ज़िन्दगी। 

 तू नहीं गर ख़ास है तो 'सिद्ध' फिर,
 बेसबब नादान तेरी ज़िन्दगी। 

 ठाकुर दास 'सिद्ध'
सिद्धालय, 672/41
सुभाष नगर, दुर्ग - 491001
 (छत्तीसगढ़)

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