Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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ठाकुर दास 'सिद्ध'

 

 

  • usne

 

  • sitamgarh

  • ज़िन्दगी दर-दर भटकती, खोजती मुस्कान को।
    कर दिया है मतलबी, इस वक़्त ने इन्सान को।।

     

  • siddh


  • humwafa

  • कहूँ गर तो मेरे दिल की कहानी सिर्फ़ इतनी है,
    मेरे दिल में तुम्हारी याद के साए टहलते हैं।

     

  • लिबासों को तिरे देखूँ , कि देखूँ मुल्क की सूरत,
    यहाँ सैलाब अश्कों का, तिरी हरकत से आया है।

 

 

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