नेता चाँदी-सोना चाहे ।
सब का स्वामी होना चाहे।।
धन के संग जो पाप कमाया।
उसको धन से धोना चाहे ।।
नहीं किसी को कुछ भी छोड़े।
जग का कोना-कोना चाहे ।।
जिसके बल पर राज करे वह।
ऐसा जादू-टोना चाहे ।।
उसके पास वही जाएगा ।
जो अपना सब खोना चाहे।।
वह चाहेगा गर चमचे हो ।
अगर नहीं हो तो ना चाहे।।
लोग रहें लड़ते आपस में ।
ऐसी नफ़रत बोना चाहे।।
उसकी बनी जान पर जानो।
उसका शासन जो ना चाहे।।
उसको मानव नहीं सुहाते ।
वह तो 'सिद्ध' खिलौना चाहे।।
ठाकुर दास 'सिद्ध'
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