"पागलपन की अगर एक हद होती...
पंजीकरण नियम जो आता...
सबसे पहले लिस्ट में मैं तो...
नेताजी को खुद पहुँचाता...
अब तो जागो मोहन प्यारे...
कब तक झूठ का माखन खाओगे!!
अब तो तुम पछताओगे"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
Powered by Froala Editor
"पागलपन की अगर एक हद होती...
पंजीकरण नियम जो आता...
सबसे पहले लिस्ट में मैं तो...
नेताजी को खुद पहुँचाता...
अब तो जागो मोहन प्यारे...
कब तक झूठ का माखन खाओगे!!
अब तो तुम पछताओगे"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY