"बस...
तू मुझ पर ज़रा सा कर ले यकीन...
पूरी जिन्दगी मेरी...
इसी हौसले से गुजर जायेगी...
यू रोया ना कर...
आकर मेरी आंखों के सामने...
नहीं तो मेरी आँखे मुझसे कभी...
मोहब्बत ना कर पायेगी..."
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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"बस...
तू मुझ पर ज़रा सा कर ले यकीन...
पूरी जिन्दगी मेरी...
इसी हौसले से गुजर जायेगी...
यू रोया ना कर...
आकर मेरी आंखों के सामने...
नहीं तो मेरी आँखे मुझसे कभी...
मोहब्बत ना कर पायेगी..."
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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