"उनके बेदाग प्यार से...
मैं आज भी हैरान हूँ...
जब पूछा मैने
मेरे लिए तुम...
क्या कर सकती हो...
उन्होने कहा
ज्यादा कुछ तो नहीं...
पर हाँ तेरे ग़मों को...
खुद की खुशी से तौल सकती हूँ!!!"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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"उनके बेदाग प्यार से...
मैं आज भी हैरान हूँ...
जब पूछा मैने
मेरे लिए तुम...
क्या कर सकती हो...
उन्होने कहा
ज्यादा कुछ तो नहीं...
पर हाँ तेरे ग़मों को...
खुद की खुशी से तौल सकती हूँ!!!"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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