"जब पूछा उनसे मैनें
आखिर मेरे सामने आकर
कुछ बोले बिना ही
क्यूँ इतना मुस्कुराती हो
वो बोली
मैं इतना मुस्कुराती हूँ
ताकि तुम्हे
जीने का जरिया मिल जाये...
और मुझे मुस्कुराने का!"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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"जब पूछा उनसे मैनें
आखिर मेरे सामने आकर
कुछ बोले बिना ही
क्यूँ इतना मुस्कुराती हो
वो बोली
मैं इतना मुस्कुराती हूँ
ताकि तुम्हे
जीने का जरिया मिल जाये...
और मुझे मुस्कुराने का!"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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