"जब कभी कोई सादगी का...
सवाल पूछा करेगा...
तेरे ऩूर से पिरोकर जवाबों को सजा दूँगा मैं...
अपने हर तरफ तूझको...
बस तूझको ही बसा लूँगा मैं...
कहा था उसने साथ-साथ चलेंगे हम...
कुछ कसमें अभी भी उनकी बाकी हैं...
दूर कितना भी कर दे ये हालात तुम्हे मुझसें...
मेरे दिल में तेरे लिए प्यार अभी भी बाकी है"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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