Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्यार के जज़बात रहने दो

 

"पलकों पे छाये हुए...
कुछ ख्वाब रहने दो...
दिल ही दिल में...
छुपी हुई कुछ याद रहने दो...
ले लो हरवक्त की अहमियत मेरी...
पर उनके लिए दबे हुए...
प्यार के जज़बात रहने दो..."

 

 

-ठाकुर दीपक सिंह कवि

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