Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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थोङा और प्यार लेते आना..!

 

"मेरे चले जाने के बाद...
मेरी यादों को मिटा देना...
नहीं तो तेरे आँसु...
मेरे रूह तक को भीगा देंगे...
ये कम्बख्त...
मुझे रूला देंगे...मिटा देगे...

 

उनकी मासूमियत को अब...
मै और किस तरह बयाँ करूँ...
जब भी मै नाराज़ होकर...
दूर जाने की बात करता हूँ...
वो हँस कहती है...
लौटते वक्त मेरे लिए...
थोङा और प्यार लेते आना..!!!.."

 

 

-ठाकुर दीपक सिंह कवि

 

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