Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तू प्रेम के धुन में डूबो जाती है

 

"पीपल के पत्ते और तुझमें...
एक ही बात निराली है...
वो हवाओं से बहकता है...
और तू प्यार से बहकाती है...
वो मुझे जैसे कुछ गीत सुनाता है...
और तू प्रेम के धुन में डूबो जाती है..."

 


-ठाकुर दीपक सिंह कवि

 

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