"मेरे आँसुओं की कीमत...
गर तू समझ जाती...
तो शायद इन आँसुओं को...
पानी की तरह ना बहने देती...
एक माँ ने अपने पेट मे पलती बच्ची से कहा-
"काश!
मै तुझे जिन्दगी भर..
अपनी कोख में ही रख पाती..
कम से कम..
इस जालिम दुनिया से तो बचा लेती
जो ना तो तुझे जीवन देती है
और ना ही जीने देती है"
-ठाकुर दीपक सिंह कवि
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