Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

खुशियों से मिलने को जी करता है

 

खुशियों से मिलने को जी करता है
खुशियों से मिलने को जी करता है
कोई है जो मेरे एक इशारे पे
सोने जैसा दिल रखता है।

 

आके कोई कहे दुख गए
अब खुश होके जी लो
आके कोई कहे दुख गए
अब खुश होके जी लो
जमीन पे तारे भी रख दुँ अगर
तुम ज्यादा मुस्कराना भी सीख लो।

 

तृष्णा राय

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ