लॉकडाउन है सबका घर से काम धंधे का संभव नहीं प्रबंध,
आम दिनों की तरह करते है तो संक्रमण पे लगेगा नही प्रतिबंध,
विवशता से छोड़ा प्रदेश पर हालात वहां भी बिघडे ली जहा पनाह,
सभी स्थितियों में अदृश्य शत्रु का जैसे हो रहा फायदा हर जगह,
हर प्रांत में है अलग स्वरूप हो रही प्रताड़ित सारी इंसानियत,
बाधा है कोरोना सक्रियता के प्रवाह में रखता जो जीवन सलामत |
स्वास्थ्य सेवावो पे शायद ही पहले आया होगा ऐसा दबाव,
युद्ध स्तर पर चल रही कार्यप्रणाली पूरी करने कम प्रभाव,
संक्रमण की तीव्रता से पड़ रही कम स्वास्थ्य सेवावो की ताकत,
सपने में भी नही सोचा था ऑक्सीजन की इतनी पड़ेगी जरूरत,
रोज नए रेकॉर्ड बन रहे लॉकडाउन ही संभालेगा बिगड़ती हालत,
बाधा है कोरोना सक्रियता के प्रवाह में रखता जो जीवन सलामत |
सामूहिक त्योहार नहीं बंद है सभी आस्था के ठिकान,
जैसे ग्रहण लगा है खुशियों पे चल रहा अकारण ही इम्तहान,
साधारण भी छींकता कही कोई उसे देखती है निगाहें शंका भरी,
कोरोना भी खोज रहा स्वस्थ लोग जनता है सारी डरी,
कतार है स्मशान घाट पर सारे दृश्य ये हृदय को करते है आहत,
बाधा है कोरोना सक्रियता के प्रवाह में रखता जो जीवन सलामत |
युद्ध मे है डटे फ्रंटलाइन वर्कर्स जोखिम उठाकर,
पालन नियमों का है करना तभी सामान्य स्थिति में आएगा शहर,
हो रहा देश भर में टीका उत्सव सभी समझे महत्व उसका,
एक कवच की तरह रहेगा साथ संक्रमण से होगा बचाव सबका,
फतह निश्चित है पर कुछ दिन और खुदकी करनी है हिफाज़त,
बाधा है कोरोना सक्रियता के प्रवाह में रखता जो जीवन सलामत |
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY