Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हम भी बदल गए

 

 

life

 

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इन मुश्किलों की राह में, हम बढ़ते चले गए
सब कुछ बदल गया है, तो हम भी बदल गए

 

 

आवारगी की मय से, हम जाम भरते चले गए
सब कुछ बदल गया है, तो हम भी बदल गए

 

 

फुर्कते-ग़म के चराग, हम भी बुझाते चले गए
सब कुछ बदल गया है, तो हम भी बदल गए

 

 

इश्क़ में बदनाम, हम सरनाम होते चले गए
सब कुछ बदल गया है, तो हम भी बदल गए

 

 

अंजाम से बेपरवाह, हम अब चलते चले गए
सब कुछ बदल गया है, तो हम भी बदल गए

 

 

दर्द की दास्ताँ को, हम यूँ बयां करते चले गए
सब कुछ बदल गया है, तो हम भी बदल गए

 

 

यूँ ज़िन्दगी को 'निर्जन', हम भी जीते चले गए
सब कुछ बदल गया है, तो हम भी बदल गए

 

 

 

--- तुषार राज रस्तोगी ---

 

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