Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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क्या कहूँ

 

अमा अब क्या कहूँ तुझे हमदम
नूर-ए-जन्नत, दिल की धड़कन
जान-ए-अज़ीज़, शमा-ए-महफ़िल
गुल-ए-गुलिस्तां, लुगात-ए-इश्क़
हर दिल फ़रीद, दीवान-ए-ज़ीस्त
अलफ़ाज़ होते नहीं मुकम्मल मेरे
पुर-सुकून शक्सियत तेरी जैसे
महकती फ़ज़ा-ए-गुलशन 'निर्जन'
हो सुबहो या शामें या रातों की बेदारी
तुझको देखा आज तलक नहीं है
फ़िर भी
तुझको सोचा बहुत है हर पल मैंने....

 

 

 

लुगात : शब्दकोष, dictionary
दीवान : उर्दू में किसी कवि या शायर की रचनाओं का संग्रह, collection of poems in urdu
ज़ीस्त : ज़िन्दगी, life
अलफ़ाज़ : शब्द, words
मुकम्मल : पूरे, complete
पुर-सुकून : शांत, peaceful/tranquil
बेदारी : अनिद्रा, wakefullness

 

 

 

तुषार राज रस्तोगी

 

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