Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुषार राज रस्तोगी

 
  • मासूम सा इश्क़ का फ़साना
    यादों से ही दिल को बहलाना
    ये दिन तो हो गए हैं ज़ालिम
    ये रातें बन गईं हैं क़ातिलाना

 

 

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