कोरोना वारियर्स
वो कर्मयोगी निष्ठा प्रतीक,
कर्तव्य की राहों पर निर्भीक,
अमर अजर अविनाशी है,
वह धड़कन हिन्दुस्तानी है।
जग में जब गूंजा हाहाकार,
प्रचंड प्रलय लाया विकार,
कोरोना से रक्षा हेतु,
हुआ घरबंदी का जब विचार,
श्वेत रंग के वस्त्रों में,
रक्षक बन आया प्राणाधार,
डॉक्टर की जो उपाधि है,
वह धड़कन हिन्दुस्तानी है।
कोरोना की जब बात बढ़ी,
देश की जनता कांप उठी,
अधर्म अशांति बढ़ाने को,
जब क्रूर शक्तियां जाग उठी,
अपने कौशल कद काठी से,
सब शांत किया फिर लाठी से,
पुलिस जो दृढ़ विश्वासी है,
वह धड़कन हिन्दुस्तानी है ।
तिरंगा का जयकारा है,
सुंदर ये कुटुंब हमारा है,
स्वच्छ रहे समृद्ध रहे जग,
यह संकल्प हमारा है,
स्वच्छता, डॉक्टर और पुलिस
कोरोना से छुटकारा है,
हर पल शक्तिशाली है,
वह धड़कन हिन्दुस्तानी है।
लेखक - उमेश पंसारी
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