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भारत की कथा

 
भारत की कथा - उमेश पंसारी

भारत के मस्तक पर अंकित, 
विजय तिलक सी चमक अलंकृत, 
चित में फूल खिलाता हूं, 
मेरे देश की कथा सुनाता हूँ, 

मध्यम स्वर घनघोर घटा, 
हर्ष की वो हर एक छटा,
सौंदर्य देख कर इन सबका, 
आनंदित मैं हो जाता हूँ,
मेरे देश की कथा सुनाता हूँ..

रविंद्रनाथ का यश जन गण मन, 
बंकिमचंद्र का वन्दे मातरम,
श्वेत रंग शांति की धारा, 
अशोक चक्र की चौबीस आरा,

केसरिया बलिदान का दर्पण, 
हरा रंग समृद्धि अर्पण,
जब भी तिरंगा लहराता है,
झूमता है मेरे मन का हर कण,

मातृभूमि को सब कुछ अर्पण, 
देह, स्नेह जीवन का हर तृण, 
अस्त व्यस्त हो जीवन किन्तु, 
भारत का है मेरा हर क्षण,
भारत पर इतराता हूँ, 
मेरे देश की कथा सुनाता हूँ।। 

लेखक - उमेश पंसारी, युवा समाजसेवी, नेतृत्वकर्ता और कॉमनवेल्थ स्वर्ण पुरस्कार विजेता 
Mobile - 8878703926 

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