Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अलविदा

 

 

सोचता हूँ
जिन लम्हों को ;
हमने एक दूसरे के नाम किया है
शायद वही जिंदगी थी !

 

 

भले ही वो ख्यालों में हो ,
या फिर अनजान ख्वाबो में ..
या यूँ ही कभी बातें करते हुए ..
या फिर अपने अपने अक्स को ;
एक दूजे में देखते हुए हो ....

 

 

पर कुछ पल जो तुने मेरे नाम किये थे...
उनके लिए मैं तेरा शुक्रगुजार हूँ !!

 

 

उन्ही लम्हों को ;
मैं अपने वीरान सीने में रख ;
मैं ;
तुझसे ,
अलविदा कहता हूँ ......!!!

 

 

 

अलविदा !!!!!!

 

 

 

विजय कुमार सप्पत्ति

 

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