Vaishali Bhardwaj
हमारी संस्कृति बंधी है राखी को डोरी से
जुड़े हुए हैं भाई बहन के मन के धागे
भाई को जब भी पड़ती कभी जरूरत
दौड़ को भाई ख़ुशी ख़ुशी आते है आगे
रक्षाबंधन की बहुत बहुत बधाई
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Vaishali Bhardwaj
हमारी संस्कृति बंधी है राखी को डोरी से
जुड़े हुए हैं भाई बहन के मन के धागे
भाई को जब भी पड़ती कभी जरूरत
दौड़ को भाई ख़ुशी ख़ुशी आते है आगे
रक्षाबंधन की बहुत बहुत बधाई
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