Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सवाल

 

सबको अपना सवाल बड़ा लगता है दुनिया
सबको अपनी बात से ही लगाव है |
मेरे जज्बे की कद्र करो पहले
इसी की कोख से निकलते घाव है |
कभी सोच दुसरे के हालत को भी
कभी समझ दूसरे की बात को भी |
हर किसी की भी इक कहानी है
उनके लिए भी तो आखिर परेशानी है
सवाल मरने के बाद भी जिन्दा रहते है
सवाल ही तो आगे की कहानी कहते है
ये न होते तो जिन्दगी की बात कैसे होती
बिन सवाल के क्या दुनिया ऐसे होती .

 

 

 

वैशाली भरद्वाज

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