Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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चिड़िया

 

बैठक बाले कमरे में लगी
दादाजी की तस्वीर के पीछे
घास फूस का एक एक तिनका
लकर रख देती है चिड़िया।
षाम होते ही
मेरी बेटी मुनिया
तस्वीर के पीछे की घास फूस
निकाल फेंक देती है
कचरे के ढेर पर
अगली सुबह फिर
अपनी चोंच में घास फूस दबाये
तस्वीर के पीछे बैठी
दिख जाती है चिड़िया
यही क्रम चलता रहता है हर दिन
हिम्मत नही हारती चिड़िया
हॉ ,मुनिया जरूर थक जाती है
घास फूस साफ करते करते
कुछ ही दिनों के बाद
वह देखती है एक सुदर घौंसला
और उसमें रखे छोटे छोटे अंडे
और फिर नन्हे नन्हे बच्चे
जिन्हे अपनी चोंच से
दाना चुगा रही है चिड़िया
मुनिया को अब एक बात
समझ आ जाती है
कि चिड़िया में साहस है
आदमी से ज्यादा
तभी तो लक्ष्य पाने हेतु
अपने कर्म से
विमुख नही होती चिड़िया।

 

 


• वेणी शंकर पटेल ‘ब्रज’

 

 

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