Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गम आये हैं मेरे हिस्से मत रो बेटे

 

सपने होंगे कैंसे सच्चे मत रो बेटे
गम आये हैं मेरे हिस्से मत रो बेटे


कौन है अपना और पराया समझ न पाये
झूठे है सब नाते रिश्ते मत रो बेटे


समझ न आया आजादी का मतलब हमको
सुनते आये केवल किस्से मत रो बेटे


लाल किले पर लहराता हर साल तिरंगा
भाषण नहीं किसी के सच्चे मत रो बेटे


‘ब्रज’उम्मीद बफा की किससे कौन करे
ईमान बेचते अच्छे अच्छे मत रो बेटे

 

 

• वेणी शंकर पटेल ‘ब्रज’

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